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चीन से आयात पर रोक

अजय दीक्षित
केन्द्रीय उद्योग मंत्री पीयुष गोयल ने कहा कि चीन से आयात होने वाले घटिया स्तर के 2000 उत्पादों को गुणवत्ता नियंत्रण के दायरे में लाया जाएगा। साथ ही चीन से सस्ता माल मंगाना आसान नहीं होगा। मैन्यूफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए बड़े पैमाने पर गुणवत्ता मानक का नियम लागू होगा। नि:संदेह इस समय जब चीन से हर तरह का आयात बढ़ रहा है और चीन से देश का व्यापार असंतुलन चिंताजनक स्तर पर है, तब सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। इससे चीन से आयात पर अंकुश लगेगा। गौरतलब है कि इस समय चीन से लगातार बढ़ता व्यापार असंतुलन पूरे देश की एक बड़ी आर्थिक चिंता का कारण बन गया है और इस पर पूरे देश में विभिन्न स्तरों पर विचार मंथन हो रहा है।

पिछले माह 23 फरवरी को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में कहा कि चीन से व्यापारिक असंतुलन की गंभीर चुनौती के लिए सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार नहीं है, चीन के साथ व्यापार असंतुलन के लिए सीधे • तौर पर देश का उद्योग-कारोबार और देश की कंपनियां भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कलपुर्जे सहित संसाधनों के विभिन्न स्रोत और मध्यस्थ विकसित करने में अपने प्रभावी भूमिका नहीं निभाई है। साथ ही देश की बड़ी कंपनियां शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में भी बहुत पीछे हैं। विगत 17 फरवरी को वाणिज्य मंत्रालय ने भारत-चीन व्यापार के वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक 10 महीनों के आयात-निर्यात के जो नवीनतम आंकड़े जारी किए हैं, उनके मुताबिक इन 10 महीनों की अवधि में चीन से किए जाने वाले आयात में 9 फीसदी का उछाल आया है, जबकि इस अवधि में चीन को किए जाने वाले निर्यात में 34 फीसदी की भारी कमी आई है ।

वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 10 महीनों में भारत के द्वारा किये जाने वाले कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 13.91 फीसदी है । चीन से भारत में आने वाले सामान में विभिन्न उद्योगों के उत्पादन में काम आने वाले दवाइयों के कच्चे माल (एपीआई), दवाइयां, इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रानिक सामान, पशु या वनस्पति वसा. अयस्क, लावा और राख, खनिज ईंधन, अकार्बनिक रसायन, कार्बनिक रसायन, उर्वरक, कमाना या रंगाई के अर्क, विविध रासायनिक उत्पाद, प्लास्टिक, कागज और पेपरबोर्ड, कपास, कपड़े, जूते, कांच और कांच के बने पदार्थ, लोहा और इस्पात, तांबा, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, विद्युत मशीनरी और फर्नीचर से संबंधित है।

इन सामानों का चीन से आयात लगातार बढ़ा है । सामानों की भारत में मांग में कमी दिखाई दी हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा बार-बार स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने और वोकल फॉर लोकल मुहिम के प्रसार ने स्थानीय उत्पादों की खरीदी को पहले की तुलना में अधिक समर्थन दिया। जहां वर्ष 2022 में दीपावली पर्व पर भारतीय बाजारों में चीनी उत्पादों की बिक्री में बड़ी कमी आई, वहीं मार्च 2023 में होली पर्व पर चीनी उत्पाद बाजार से लगभग गायब रहे। यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में मैन्युफैक्चरिंग के तहत 24 सेक्टर को प्राथमिकता के साथ तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा । चीन से आयात किए जाने वाले दवाई, रसायन और अन्य कच्चे माल का विकल्प तैयार करने के लिए पिछले दो वर्ष में सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 14 उद्योगों को करीब दो लाख करोड़ रुपए आवंटन के साथ प्रोत्साहन सुनिश्चित किए हैं। अब देश के कुछ उत्पादक- चीन के कच्चे माल का विकल्प बनाने में सफल भी हुये हैं । चीन से आयात पर अंकुश लगेगा ।

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