ब्लॉग

ये खतरा बढ़ रहा है

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। अब दो भारतीय राजनयिकों को धमकी दिए जाने की खबर है। इस संबंध में लगाए गए पोस्टरों के कारण यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव का भी रूप ले चुका है। देखते-देखते “खालिस्तान” का साया फिर संगीन हो गयाहै, इस बात के साफ संकेत हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय राजनयिक ठिकानों पर हमले हुए थे। इस बीच पंजाब में अमृतपाल की परिघटना हुई। अभी सोमवार को ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने मित्र देशों से खालिस्तानी ताकतों पर लगाम लगाने को कहा है। इस सिलसिले में उन्होंने जिन मित्र देशों का नाम लिया, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैँ। लेकिन उसी रात यह खबर आई कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है। हमले के बाद दूतावास में आग लग गई, जिस पर बाद में काबू पाया गया।

इसी बीच कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। अब दो भारतीय राजनयिकों को धमकी दिए जाने की खबर है। इस संबंध में लगाए गए पोस्टरों के कारण यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव का भी रूप ले चुका है। कनाडा में आठ जुलाई को खालिस्तान समर्थक “एक बड़ी रैली” निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक “खालिस्तान फ्रीडम रैली” टोरंटो में निकाली जानी है। रैली का अंत शहर में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने करने की योजना है। कनाडा सरकार ने कहा है कि भारतीय राजनयिकों की पूरी सुरक्षा की जाएगी। लेकिन सवाल वो नहीं है। सवाल है कि ऐसी भारत विरोधी ताकतों को खुलेआम अपनी गतिविधियां चलाने की इजाजत क्यों दी जा रही है। रैली से जुड़े कुछ पोस्टर सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें कनाडा में दो भारतीय राजनयिकों को धमकी दी गई है।

इनमें से एक पोस्टरमें टोरंटो में भारतीय काउंसल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्सेस नाम के एक संगठन का मुखिया था। पिछले महीने उसकी कनाडा के राज्य ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारा के अंदर हत्या कर दी गई थी। अब यह भारत सरकार के लिए गंभीर मंथन का विषय है कि इस उभरती चुनौती को कैसे इसी मौके पर दबाया जाए? इस मामले में कोई ढिलाई आगे चल कर महंगी साबित हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *