उत्तराखंड

राज्यपाल ने ‘राजभवन मैत्री चैटबॉट’ का किया लोकार्पण

‘चैटबॉट के माध्यम से भाषा और संस्कृति का सम्मान होगा और जिज्ञासाओं का समाधान भी’

नैनीताल। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को राजभवन नैनीताल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के प्रयोग से निर्मित ‘राजभवन मैत्री चैटबॉट’ का लोकार्पण किया।

गौरतलब है कि राज्यपाल ने अपने पांच प्रमुख मिशन में एआई को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। इसी क्रम में मैत्री चैटबॉट एआई तकनीक से युक्त एक अभिनव प्रयास है जिसमें राज्यपाल के विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध रहेगी। उपयोगकर्ता प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पा सकेंगे और विभिन्न जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

यह चैटबॉट राजभवन की वेबसाइट पर विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध रहेगी। इस अवसर पर मैत्री चैटबॉट के निर्माणकर्ता सिद्धार्थ माधव ने चैटबॉट के निर्माण एवं उपयोग संबंधी जानकारियां विस्तृत रूप से प्रस्तुत की।

राज्यपाल ने कहा कि ‘मैत्री’ केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह एक माध्यम है जिसके द्वारा हम नवाचार को साकार करते हुए समाज के विभिन्न वर्गों तक ज्ञान और सहायता पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस चैटबॉट के माध्यम से हमारी भाषा और संस्कृति का सम्मान करते हुए उपयोगकर्ता अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पा सकेंगे और विभिन्न जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यहां के युवा नई टेक्नोलॉजी को आत्मसात कर रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि हमें अपनी क्षमता को पहचान कर राष्ट्र के विकास में योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के अधिक से अधिक प्रयोग से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा जिसमें एआई की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

राज्यपाल ने कहा कि 2047 तक का समय एक ऐसा कालखंड है जिसमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर देश के निर्माण में हमारी अमृत पीढ़ी की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि विकास की यात्रा में और मानवता के कल्याण में टेक्नोलॉजी का सर्वोत्तम उपयोग बहुत सहायक सिद्ध होगा।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत युवाओं में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के साथ-साथ जिज्ञासा-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा में दूरगामी सुधार भी लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में युवाओं में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में विज्ञान और तकनीक की अहम भूमिका होगी।

इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, कुलपति जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रो. मनमोहन सिंह चौहान, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, डीआईजी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, उप जिलाधिकारी पीआर चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.एन. मीणा, महानिदेशक यूकॉस्ट डॉ. दुर्गेश पंत, वित्त नियंत्रक राज्यपाल डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *