उत्तराखंड

सीएम ने प्रवासियों से कहा, दुर्गम क्षेत्र के गांव को गोद लें

उत्तराखण्ड में प्रवासी उत्तराखण्ड बोर्ड का गठन किया जाएगा

उत्तराखंड में प्रवासी उत्तराखण्ड दिवस मनाया जाएगा

देहरादून।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में विभिन्न देशों में निवास कर रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों से वर्चुअल संवाद करते हुए उन्हें विदेशों में उत्तराखण्ड का ब्रांड अम्बेसडर बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों ने अपनी मेहनत, लगन एवं बौद्धिक क्षमता से उत्तराखण्ड के बाहर देश-विदेश में अपनी पहचान बनायी है। उन्होंने सभी से अपेक्षा की कि वे अपनी जन्म भूमि के किसी दुर्गम क्षेत्र के गांव को गोद लेकर उसके समग्र विकास में सहयोगी बनें। इसमें राज्य सरकार भी सहयोगी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डवासियों के सहयोग एवं सहायता के लिये पूर्व में प्रवासी सेल बनाया गया था। इसे और अधिक सुविधा युक्त बनाये जाने के लिये प्रवासी उत्तराखण्ड बोर्ड का भी गठन किया जायेगा। साथ ही प्रवासी भारतीय दिवस की भांति राज्य में देश व विदेशों में रहने वाले प्रवासियों का सम्मेलन आयोजित किया जायेगा ताकि उनके विचार एवं सुझावों पर चिन्तन एवं मनन किया जायेगा। इस मंथन से निकलने वाला अमृत निश्चित रूप से देश व प्रदेश के विकास में फलीभूत होगा।

संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस सहित 12 देशों में रह रहे 22 प्रवासी उत्तराखण्डियों के विचार व सुझाव जाने। मुख्यमंत्री ने सभी के सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन देते हुए प्रदेश हित में संचालित योजनाओं की जानकारी भी साझा की। सभी प्रवासियों ने प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, सूचना तकनीकि आदि के क्षेत्र में सहयोग का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया। सभी प्रवासी लोग अपने पैतृक क्षेत्रों से जुड़ने के लिये भी उत्साहित नजर आये ताकि उनकी भावी पीढ़ी भी अपनी जड़ों से जुड़ सके।

संवाद के दौरान जिन्होंने अपने सुझाव रखे उनमें आस्ट्रेलिया से सुरेन्द्र सिंह रावत, न्यूजीलेण्ड से जोत सिंह बिष्ट, चीन से  देव रतूड़ी, अमेरिका से शैलेश उप्रेती, जापान से श्रीमती इंदिरा भट्ट, यू.के. से मनीष जुगराण, थाइलेंड से चन्द्र शेखर सिलोड़ी, सिंगापुर से सुनील थपलियाल, फ्रांस से उत्तम रावत, ओमान से राकेश बेलवान प्रमुख रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य का युवा रिवर्स माइग्रेशन की ओर बढ़ रहा है। स्वरोजगार के प्रति ध्यान दे रहा है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें भी संचालित की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के उद्यमियों ने प्रतिभाग कर प्रदेश में उद्योग व व्यापार इच्छा जताई है। अब तक 71 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य में भी उद्योग की स्थापना से युवां को रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से अपेक्षा की कि देवभूमि उत्तराखण्ड आपके पूर्वजों की पैत्रिक भूमि है। आपकी भावी पीढ़ी भी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे इसके लिये भी प्रयासरत रहने की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश व दुनिया में भारत का मान, सम्मान बढ़ा है। भारतीयों को विदेशों में आदर व सम्मान से देखा जा रहा है। कोरोना महामारी के बावजूद देश की अर्थ व्यवस्था 11 वीं से 5वी में रही। प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे काल में भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसमें आप सभी का भी योगदान रहेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी प्रवासियों का अलग-अलग टाइम जोन में रहते हुए संवाद से जुड़ने के लिये सभी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी विकसित भारत के साथ विकसित उत्तराखण्ड में अपना योगदान दें। उन्होंने इस संवाद श्रृंखला को आगे भी जारी रखने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, नीरज खैरवाल, उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के सदस्य सुधीर नौटियाल के साथ सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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