उत्तराखंड

सिंचाई मंत्री ने मानसून के दौरान फील्ड अधिकारियों को दूरभाष पर उपलब्ध रहने के दिये निर्देश

कठोर निर्णय भी लेने पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे: महाराज 

देहरादून। मानसून सीजन को लेकर सिंचाई विभाग ने बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले नालों एवं गधेरों की साफ सफाई और निकासी के उचित प्रबंध किये गये हैं। मानसून अवधि में वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के 13 जनपदों में 113 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं।

उक्त बात प्रदेश के सिंचाई मंत्री निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने मानसून सीजन को लेकर सिंचाई विभाग, यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई भवन भवन में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की मानसून को देखते हुए प्रभावी तैयारियों को लेकर हुई एक बैठक में जानकारी देते हुए कही। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों के साथ साथ प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों जैसे हरिद्वार, उधमसिंहनगर, देहरादून सहित अन्य जनपदों में भी उन सभी क्षेत्रों में जहाँ बाढ़ व जल भराव का खतरा लगातार बना रहता है ऐसे सभी 207 चिन्हित स्थलों में पानी की उचित निकासी के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।

सिंचाई मंत्री महाराज ने सिंचाई अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर की सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग करवाई जाए। बैठक के दौरान उन्होंने टिहरी बांध विस्थापितों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 100 करोड रुपए दिए जाने हेतु केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के माध्यम से सभी जनपदों से प्रतिदिन नदियों के जलस्तर तथा वर्षा के आंकड़े प्राप्त कर संवेदनशील स्थानों पर निरंतर निगरानी के साथ-साथ प्राप्त आंकड़ों को राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र तथा केंद्रीय जल आयोग को भी भेजने को कहा।

सिंचाई मंत्री महाराज ने अधिकारियों को चेताया अक्सर शिकायत आ रही है कि विभागीय अधिकारी फोन नहीं उठाते मेरा स्पष्ट निर्देश है कि मानसून सीजन के दौरान बाढ़ नियंत्रण चौकियों सहित विभाग के सभी अधिकारी फोन अवश्य उठाएं। यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई ऐसे लोगों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि विभागों में सकारात्मक और मर्यादा में रहकर काम हो। यदि कोई भी अधिकारी कुछ भी गलत करता है तो हमें कठोर निर्णय लेने पडेगें।इसलिए मानसून सीजन के दौरान रात दिन निगरानी रखें।

सिंचाई मंत्री ने बैठक में उपस्थित और वर्चुअल जुड़े सिंचाई अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में उत्तराखंड सिंचाई विभाग तथा उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के नियंत्रणधीन बांध बैराज व झील की कुल भंडारण क्षमता कि नियमित मानिटरिंग होनी चाहिए।

सिंचाई मंत्री ने बताया कि राज्य में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष सिंचाई खण्ड, देहरादून परिसर में स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष नंबर 8218834431 है। उन्होने कहा कि प्रदेश में सभी 113 चौकियों पर आपात की स्थितियों को देखते हुए फूडपैक इत्यादि के वितरण की भी व्यवस्थायें प्रशासन सुनिश्चित की जाए।

बैठक में सिंचाई सचिव हरीश चंद्र सेमवाल, संयुक्त सचिव जय लाल शर्मा, सिंचाई विभाग प्रमुख अभियंता जयपाल सिंह, लघु सिंचाई विभाग के एचओडी बृजेश कुमार तिवारी सहित सिंचाई विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

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