Wednesday, November 29, 2023
Home नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने किया हिजाब मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने किया हिजाब मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने  कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में छात्राओ को हिजाब पहनकर वार्षिक परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने वाली याचिका को तुरंत सूचीबद्ध करने की याचिका खारिज कर दी। एक महिला वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। वकील ने कहा कि पांच दिन बाद परीक्षा है, इसलिए याचिका को सूचीबद्ध किया जाए।

बेंच ने वकील से कहा, आप आखिरी तारीख को आइए, हम क्या कर सकते हैं? प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि होली के अवकाश के बाद मामले की सुनवाई के लिए नई पीठ गठित की जाएगी। 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में अपने हिजाब पहनकर वार्षिक परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया था। छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ को बताया कि उन्हें सरकारी कॉलेजों में 9 मार्च से शुरू होने वाली वार्षिक परीक्षाओं में शामिल होना है।
शीर्ष अदालत ने वकील से पूछा, उन्हें परीक्षा देने से क्यों रोका जा रहा है? वकील ने बताया कि हिजाब पहनने के कारण। उन्होंने कहा कि छात्राओं को एक वर्ष का नुकसान पहले ही चुका है और यदि कोई राहत नहीं दी गई, तो उन्हें एक और वर्ष का नुकसान हो जाएगा।

23 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में पूर्व विश्वविद्यालय कॉलेजों की कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने के लिए तीन-न्यायाधीशों की पीठ गठित करने की याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर प्रतिबंध की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर खंडित फैसला दिया था। खंडित फैसला जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने दिया।

न्यायमूर्ति गुप्ता, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने कर्नाटक सरकार के सकरुलर को बरकरार रखा और कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपीलों को खारिज कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति धूलिया ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि संविधान भी भरोसे का दस्तावेज है और अल्पसंख्यकों ने बहुमत पर भरोसा जताया है।

न्यायमूर्ति धूलिया ने अपने फैसले में कहा: हम एक लोकतंत्र में और कानून के शासन के तहत रहते हैं, और जो कानून हमें नियंत्रित करते हैं उन्हें भारत के संविधान को पारित करना चाहिए। हमारे संविधान के कई पहलुओं में से एक ट्रस्ट है। हमारा संविधान है ट्रस्ट का एक दस्तावेज भी है। अल्पसंख्यकों ने बहुमत पर भरोसा किया है। पीठ ने तब कहा था कि चूंकि विचारों में भिन्नता है, इसलिए इस मामले को एक बड़ी पीठ के गठन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाएगा।

RELATED ARTICLES

एक और नई महामारी का खतरा- बच्चों के अंदर तेजी से फैल रही ये खतरनाक बीमारी

स्कूल बंद, डब्लूएचओ ने दी चेतावनी नई दिल्ली। कोरोना महामारी के प्रभाव से जूझ रहे चीन में अब नई बीमारी ने व्यापक स्तर पर दस्तक दे...

कल से खुलेंगे दिल्ली में स्कूल, यह नियम रहेंगे लागू

दिल्ली। वायु प्रदूषण घटा तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण चार के नियमों को हटा लिया गया है। अब जरूरी सामानों के साथ...

प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट पर लगाए गए स्प्रिंकलर

नई दिल्ली। बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली अग्निशमन सेवा ने राष्ट्रीय राजधानी में 13 हॉटस्पॉट पर पानी के छिडक़ाव के उपकरण तैनात...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

मुख्यमंत्री ने किया छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन का शुभारम्भ

उत्तराखण्ड में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना के लिए केन्द्र से अनुरोध किया जायेगा देहरादून।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्लेमेंट टाउन स्थित, ग्राफिक एरा...

सदन में स्वस्थ चर्चा के लिए हम पूरी तरह से तैयार, हर सवाल का देंगे जवाब- सीएम योगी

 मुख्यमंत्री ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले पत्रकारों से की बातचीत  सीएम योगी ने विपक्षी दलों से की अपील, सदन की गरिमा बनाए रखने...

मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने विकसित भारत संकल्प यात्रा का किया शुभारम्भ

देहरादून। शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा भारत सरकार द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारम्भ शहरी क्षेत्रों हेतु किया गया। इस मौके...

इस तरह खाते हैं शहद तो तुरंत बंद कर दें, वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

शहद में सेहत का खजाना होता है।  इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. आयुर्वेद में भी इसके महत्व को...

Recent Comments