सुदि त क्वी न दिखदू कै सनि, क्वी त बात होली ये मा
– चमकता धामी का चंपावत, फीके पड़े पूर्व सीएम के सभी गांव
– अपने गुरु भगतदा से भी आगे निकले सीएम धामी
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी को लेकर भले ही कई सवाल उठ रहे हों, लेकिन एक सच यह भी है कि उन्होंने चम्पावत के लिए अनेक योजनाएं शुरू करने की घोषणाएं की हैं। यह महत्व नहीं रखता कि अधिकांश घोषणाएं धरातल पर उतरेंगी भी या नहीं। कमीशनखोरी कितनी होगी या कागजों में सिमट जाएंगी योजनाएं। महत्व यह है कि पहली बार किसी सीएम ने अपनी विधानसभा के लिए 50 करोड़ रुपये की योजनाएं बनाई हैं। यानी वाइब्रेंट चम्पावत की तैयारी।
2020 में मैं तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंण गया। उनकी भाभी ने मुझे चाय आफर की। मैं उनकी नीमदरी में बैठा तो मुझे मधुमक्खियों ने काट खाया। घर के कपाट नहीं खुले थे तो वहां मधुमक्खियों ने छत्ता बना लिया था। मैंने लिखा था सीएम के घर पर हो रहा मौनपालन। खैरासैंण का सूरज प्रदेश में चमक रहा था लेकिन उनका गांव बदहाल और वीरान था। निशंक के गांव पिनानी पहुंचा तो वह केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे। गांव बदहाल था और निशंक पिछले 2011 के बाद अपने गांव नहीं गये। थैलीसैंण आज भी विकास से अछूता है।