खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की विफलता से कठघरे में आई पंजाब पुलिस, उठने लगे कई बड़े सवाल
पंजाब। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन को 21 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। ऑपरेशन अमृतपाल की विफलता से पंजाब पुलिस कठघरे में आ गई है और बड़े पुलिस अधिकारियों की साख भी दांव पर है। सवाल उठने लगा है कि कहीं पंजाब पुलिस ही तो अमृतपाल को भागने का रास्ता नहीं दे रही? 18 मार्च को जालंधर से पुलिस के सामने से भागने में कामयाब रहा अमृतपाल 28 मार्च को होशियारपुर के पास दूसरी बार पुलिस को चकमा दे गया। अब जांच में यह बात सामने आई है कि होशियारपुर पुलिस को शाम पांच बजे सतर्क कर दिया गया था और फोर्स ने पूरी तैयार कर ली थी। यानी होशियारपुर पुलिस को पता था कि कोई ऑपरेशन करने जाना है, लेकिन रात दस बजे के बाद जब अमृतपाल सिंह होशियारपुर के एक गुरुद्वारा साहब से फरार हुआ, तो होशियारपुर पुलिस को मौके पर बुलाया गया। अलर्ट के बावजूद पांच घंटे की देरी से पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
अमृतसर (ग्रामीण) के एसएसपी सतिंदर सिंह और जालंधर के एआईजी (काउंटर इंटेलिजेंस) नवजोत महल सहित दो पुलिस अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि अमृतपाल और उसका सहयोगी पपलप्रीत 27 मार्च को गुरुद्वारा जन्म स्थान संत बाबा निदान सिंह, नदलोन गांव, होशियारपुर पहुंचे थे। उन्हें यह भी जानकारी थी कि दोनों 28 मार्च की शाम को नए स्थान पर चले जाएंगे। अमृतपाल सिंह गुरुद्वारा प्रमुख जत्थेदार गुरमीत सिंह के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ था। अमृतपाल सिंह जब गुरुद्वारा साहब में था, तो जत्थेदार गुरमीत सिंह अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर से बुलाई गई बैठक में भाग लेने के लिए अमृतसर गए थे। वहां उन्होंने अमृतपाल के समर्पण की बात कही थी।